प्रदर्शनी में औरंगाबाद के टेरा कोटा व सहारनपुर का फर्नीचर लोगों को खुब पसन्द आयीं।
गोरखपुर। उ0प्र0 खादी बोर्ड के तत्वाधान में क्षेत्रीय कार्यालय, माध्यमिक शिक्षा परिषद् नार्मल कैम्पस, निकट पांडेयहाता पुलिस चैकी-गोरखपुर में चल रहा मण्डल स्तरीय खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी नव्य इंडिया एण्टरटेन्मेन्ट के सौजन्य से सांस्कृतिक मंच पर मंगलवार को सांध्य काल कवियों एवं शायरों की रचनाओं ने माहौल को गुलजार किया। दिन में खिली धूप ने जहाँ एक तरफ लोंगो को सुदुर प्रान्तों से आये स्टाल की ओर खरीदारी के लिए खींचा वही दूसरी तरफ सांध्य काल में कविताओं के आगोश में गोते लगाते रहे।
कवियों की कविताओें और खरीदारों की खरीदारी से गुलजार रहा खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी
प्रदर्शनी में खरीदारी से स्टाल धारक बेहद प्रसन्न नजर आयें। खादी विभाग से मिली जानकारी से अब तक प्रदर्शनी में 67.00 लाख की बिक्री हो चुकी है। मौसम को देखते हुए स्टाल धारकों को उम्मीद है कि 04 फरवरी तक प्रदर्शनी में उनकी अच्छी खासी बिक्री हो जायेगी।
सांस्कृतिक मंच से उद्घोषक नवीन पाण्डेय ने कवि सम्मेलन एवं मुशायरे में कविता पाठ करने के लिए जब डाॅ0 मुश्तफा खान को आवाज दी तब उन्होंने-तुम्हारी हैसियत मालूम हो जायेगी तुमको भी, जो मुमकिन हो बुलंदी से जरा नीचे उतर आओ। सुनाया। उन्होंने-दिलों दिमाग से पहले तुम्हे पाक किया, हर जगह से ढूंढ के तुमको ब्लॉक किया-सुनाकर युवाओं की खुब वाववाही अपने नाम दर्ज की।
इसके बाद माईक पर आये कवि हरेकृष्ण पांडेय, उन्होंने-अब तो मुंह देख के ताली भी बजाई जाती वाहवाही में भी रंजिश यूं निभाई जाती। जहां हो फायदा अपना वहां गले मिलना। नहीं तो पीठ पर छुरी भी चलाई जाती। सुनाकर तीखा व्यंग किया। कवि प्रेम नाथ मिश्र ने-युगों के पुण्य फलते है चरण चल धाम आते हैं। बहुत सौभाग्यशाली ही प्रभु के काम आते है। हमोर शास्त्र कहते है पुराणों का भी यह कहना, धरा के भाग्य जगते हैं तो जग में राम आते हैं-सुनाकर प्रभु श्रीराम का गुणगान किया। कवि चेतना पाण्डेय ने अपनी कविता-जिनके गर्जन से जंगल थर्राता है शेरों का दरबारी होना घातक है कविता को तो जन की बातें करनी थीं कवियों का सरकारी होना घातक है। के माध्यम से श्रोताओं से खुब तालिया बजवायी। कवि प्रदीप मिश्र ने सूर्य के वंश का नव उदय हो गया, राम के आगमन का समय हो गया, राम लिखते हुए राम पढ़ते हुए, मन था रावण मगर राममय हो गया-सुनाया।
कवि सम्मेलन की अध्यक्षता कर रही वरिष्ठ कवियित्री सत्यंवदा सत्यम ने-दिल चुराने की जिद न करो। मुस्कुराने की जिद न करो-सुनाकर दर्शकों को भाव विभोर कर दिया।
वरिष्ठ कवि रविन्द्र नाथ श्रीवास्तव जुगानी भाई ने “एक दिया डारी आई नदिया में बार के सुनाया तो श्रोताओं ने एक बार फिर एक बार फिर का उद्घोष किया। परिक्षेत्रीय ग्रामोद्योग अधिकारी श्री ए0के0 पाल ने सभी कवियों एवं शायरों को सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन नवीन पाण्डेय ने किया। खादी बोर्ड की तरफ से श्री अरूणेश कुमार पाण्डेय, श्री मार्कण्डेय सिंह, श्री शिवेन्द्र सिंह, आरिफ समेत अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।
परिक्षेत्रीय ग्रामोद्योग अधिकारी श्री ए0के0 पाल ने बताया कि प्रदर्शनी में प्रतापगढ़ के अचार मुरब्बा, सीतापुर के दरी, भदोही के कालीन, जम्मू कश्मीर के ड्राई फ्रूट, उत्तराखण्ड के सदरी जैकेट, भागलपुर बिहार के सिल्क, पटियाला के तिल्ला जुती, कन्नौज के धूप बत्ती, राजस्थान (बीकानेर) के पापड़, बड़ी, भुजिया, नमकीन, इटावा के चूर्ण, कानपुर के लेदर, सहारनपुर का फर्नीचर घरेलू वस्तुएं एवं अन्य ग्रामोद्योगी उत्पाद के अतिरिक्त माटीकला के अन्तर्गत उत्पादित वस्तुए व अन्य राज्यों जनपदों से आये हुए उत्पाद रियायती दर पर उपलब्ध है।
श्री पाल ने जनमानस से आग्रह किया है कि प्रदर्शनी में अधिक से अधिक संख्या में पधारकर स्टाल धारकों से खरीदारी करें, और प्रदर्शनी में सांध्य काल आयोजित सांस्कृति कार्यक्रम का आन्नद उठायें।
बेचन सिंह पटेल
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