देश के 11 राज्यों तक पहुंचा, नये वेरिएंट जेएन.1
संक्रमण के सबसे अधिक मामले गोवा मे मिले, भारत में अब तक JN.1 के 26 मामले सामने आए हैं। 25 मामलों में से 19 गोवा में, चार राजस्थान में और एक-एक केरल, दिल्ली, महाराष्ट्र में पाए गए।पुडुचेरी, गुजरात, तेलंगाना, पंजाब, दिल्ली और राजस्थान में भी केस मिले, केरल, कर्नाटक तमिलनाडु और महराष्ट मे भी मामले बढ़े
इसी बीच WHO की पूर्व वैज्ञानिक Dr सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कोरोना वायरस के जेएन. वेरिएंट पर बढती चिंताओं की बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन के लोगों ने सर्तक रहने की सलाह दी। घबराने की जरूरत नही है एजेंसी ने अभी वेरिएंट आफ इंटरेस्ट के रूप में दर्ज किया है न केवल गंभीर रूप से बीमार पड़ने वाले लोगों के कारण, बल्कि दिल के दौरे, स्ट्रोक और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के बढ़ते जोखिम सहित बीमारी के दीर्घकालिक प्रभावों के कारण भी कोविड को सामान्य सर्दी के रूप में खारिज करने के प्रति आगाह किया गया है।
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने बुधवार को साथी नागरिकों से नए सीओवीआईडी -19 संस्करण जेएन.1 के बारे में नहीं घबराने की अपील की और आश्वासन दिया कि केंद्र नए संस्करण से निपटने के लिए आवश्यक सावधानी बरत रहा है।
नई दिल्ली स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के पूर्व संक्रामक विभागाध्यक्ष डॉ. समीरन पांडा का कहना है कि जेएन.1 उप स्वरूप की आर वैल्यू ओमिक्रॉन से ज्यादा देखी जा रही है। इसका मतलब है कि एक से दूसरे या फिर तीसरे व्यक्ति तक संक्रमण प्रसार की क्षमता अधिक है, लेकिन गंभीरता के मामले में यह उतना ताकतवर नहीं है, जितना बीते वर्षों में था।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की कोविड टास्क फोर्स के सह अध्यक्ष डॉ. राजीव जयदेवन ने बताया कि जेएन.1 उप स्वरूप को लेकर कई चिकित्सा अध्ययन सामने आए हैं, जिनसे जाहिर है कि यह बहुत अधिक गंभीर स्वरूप नहीं है, लेकिन यह तेजी से लोगों को अपनी चपेट में जरूर ले सकता है।
+ There are no comments
Add yours