पंजाब के सीएम भगवंत मान को खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने दी जान से मारने की धमकी
नई दिल्ली: खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने गणतंत्र दिवस पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और राज्य पुलिस महानिदेशक गौरव यादव को जान से मारने की धमकी दी है। पन्नू ने मंगलवार को गैंगस्टरों से एकजुट होने और 26 जनवरी को हमला करने को कहा है। पन्नू हाल में एक के बाद एक धमकियाँ जारी करता रहा है।
इससे पहले भी भारत को धमकी दे चुका है पन्नू
आपको बता दें कि इससे पहले वीडियो जारी करके आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भारत को धमकी दी थी कि वह 13 दिसंबर या उससे पहले कुछ ऐसा करेगा जिससे भारतीय संसद को गहरी चोट पहुंचेगी. उसने अपने वीडियो में कहा था कि भारत ने उसकी हत्या की नाकाम कोशिश की है यह उसी का बदला होगा.
आखिर कौन है आतंकी गुरपतवंत पन्नू
गुरपतवंत पन्नू की बात करें तो वह अमृतसर के खानकोट का रहने वाला है. उसने पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की और इसके बाद वह विदेश चला गया. यहां उसने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ मिलकर पंजाब में खालिस्तानी अलगाववादी मुहिम को मेंहवा दी. पन्नू के परिवार के बारे में जो जानकारी है उसके अनुसार, उसके पिता महिंदर सिंह पंजाब में कृषि विपणन बोर्ड में काम करते थे. खलिस्तान समर्थक पर 2019 में भारत आने पर प्रतिबंध लगाने का काम किया था. फिलहाल वह अमेरिका और कनाडा को अपना ठिकाना बनाए हुए है.
पन्नू की हत्या की साजिश के आरोपी निखिल गुप्ता को SC से झटका, परिवार की याचिका खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘यह एक संवेदनशील मामला है और भारत सरकार तय करेगी कि इस पर कैसे आगे बढ़ना है. सार्वजनिक अंतरराष्ट्रीय कानून और अदालतों के सहयोग को ध्यान में रखते हुए, हम इस मामले में दखलअंदाजी नहीं कर सकते.’ निखिल गुप्ता फिलहाल चेक रिपब्लिक की जेल में बंद है. अमेरिका ने उसे प्रत्यर्पित किए जाने की मांग की है. परिवार को डर है कि एक बार अमेरिका पहुंचने पर निखिल को रिहा करवाना बेहद ही मुश्किल होने वाला है.
दिल्ली के बिजनेसमैन निखिल गुप्ता को 2023 में चेक रिपब्लिक में गिरफ्तार किया गया. अमेरिका ने निखिल के ऊपर आरोप लगाया है कि उसने अमेरिकी धरती पर खालिस्तानी आतंकी गुरुपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रची है. अमेरिका का कहना है कि निखिल गुप्ता एक सरकारी एजेंट के साथ काम कर रहा था. उसने पन्नू को ठिकाने लगाने के लिए एक हिटमैन को काम पर रखा था, जो असल में एक अंडरकवर पुलिस अधिकारी था. भारत ने कहा कि उसने अमेरिका के आरोपों को गंभीरता से देखते हुए जांच के लिए एक समिति का गठन किया है.
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