प्रदर्शनी में उत्तराखण्ड के जैकेट व सदरी तथा भागलपुर बिहार के सिल्क साड़ी की जमकर हुयी खरीदारी
गोरखपुर । उ0प्र0 खादी बोर्ड के तत्वाधान में क्षेत्रीय कार्यालय, माध्यमिक शिक्षा परिषद् नार्मल कैम्पस, निकट पांडे हाता पुलिस चौकी-गोरखपुर में मण्डल स्तरीय खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में नव्य इंडिया एण्टरटेन्मेन्ट के सौजन्य से संस्कृतिक मंच पर बुद्धवार की शाम नाटक ‘‘मायाराम की माया‘‘ ने दर्शकों का मन मोह लिया। प्रदर्शनी जैसे-जैसे अपने समापन ओर बढ़ रही है वैसे-वैसे खरीदारों की हुजुम बढ़ने लगा है। प्रदर्शनी में बुद्धवार को साजौर सिल्क, भागलपुर-बिहार के वस्त्रों की ज्यादा खरीदारी की गयी, खरीदारी में महिलाओं ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। भागलपुर बिहार की सिल्क साड़ी खुब पसन्द की गयी। उत्तराखंड हरिद्वार के जैकेट व सदरी लोगों को लुभा रही है। अब तक प्रदर्शनी में 78.00 लाख की बिक्री हो चुकी है।
उ0प्र0 खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड, गोरखपुर द्वारा आयोजित खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी 2023-24 के मेले में दिनांक 31 जनवरी 2024 की शाम 6 बजे सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत दर्पण गोरखपुर रंग मंडल की नाट्य प्रस्तुति मायाराम की माया का मंचन किया गया, जिसके लेखक जयवर्धन एवं निर्देशन रवीन्द्र रंगधर का रहा। नाटक के पात्रांे मे एक विलक्षण जीव रहता है जिसको हम मनुष्य कहते हैं। यूं तो दुनिया में मनुष्य के अनेकानेक कारनामे हैं, जिससे वह महान से महानतम सिद्ध होता हैं।
कुछ ऐसे हैं जो सामान्य जीवन जीते हैं और महान नहीं है। किंतु कुछ जीव ऐसे भी हैं जो अपने पूरे जीवन में अन्य लोगों का जीना दूभर कर देते हैं। इसी तीसरे प्रकार के मनुष्य की कहानी है मायाराम की माया धरती के निवासी तो मायाराम से त्रस्त थे ही जब उसे उसके किए गए एक मात्र पुण्य के बदले स्वर्ग में बुलाया गया तो वहां भी उसने स्वर्ग में तक्था पलटने तक की कोशिश कर डाली। अंततः ब्रह्मा जी को अपनी सृष्टि संरचना में सुधार करते हुए निर्णय लेना पड़ा कि आगे से जब भी वह मनुष्य बनाएंगे तो उसमें चतुराई थोड़ा कम और संवेदना थोड़ी ज्यादा डालने का प्रयास करेंगे।
हास्य व्यंग्य आधारित एवं लोक शैली में रचा बसा नाटक दर्शकों को खूब भाया। बीच-बीच में ठहाके की गूंज भी लगती रही। नाटक के मुख्य पात्र मायाराम की भूमिका को आदित्य राजन में बड़ी ही कुशलता पूर्वक निभाया वही सेवक राम के चरित्र को आकाश श्रीवास्तव ने भी शानदार तरीके से जिया।
नाटक में पुरोहित की भूमिका में अविनाश राव, यमराज की भूमिका में अमृत आनंद गुप्त, चित्रगुप्त की भूमिका में ऋषभ दास एवं ब्रह्मा की भूमिका में श्रेयांश त्रिपाठी ने अभिनय क्षमता से दर्शकों की खूब वाहवाही ही लूटी। जकड़ और पकड़ की भूमिका में सौरभ चैधरी व चंदन यादव भी सफल रहे। अन्य भूमिकाओं में नारद के रूप में मनीष कुमार, थानेदार मनमौजी पांडे की भूमिका में कुलदीप शर्मा, ग्रामीणों के भूमिका में संजय सोनी, सागर चैधरी एवम उपहार मिश्र थे। संगीत पक्ष में हारमोनियम पर पवन निषाद एवं ढोलक पर मदन थे। रूपसज्जा राधेश्यामए वस्त्र विन्यास रीना जायसवाल एवं रंगदीपन मानवेंद्र त्रिपाठी तथा नाटक के प्रस्तुतकर्ता श्री रवि शंकर खरे थे। परिक्षेत्रीय ग्रामोद्योग अधिकारी श्री ए0के0 पाल ने सभी कलाकारों को सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन नवीन पाण्डेय ने किया। खादी बोर्ड की तरफ से श्री अरूणेश कुमार पाण्डेय, श्री प्रमोद कुमार श्रीवास्तव श्री मार्कण्डेय सिंह, श्री शिवेन्द्र सिंह, आरिफ समेत अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।
परिक्षेत्रीय ग्रामोद्योग अधिकारी श्री ए0के0 पाल ने बताया कि प्रदर्शनी में प्रतापगढ़ के अचार मुरब्बा, सीतापुर के दरी, भदोही के कालीन, जम्मू कश्मीर के ड्राई फ्रूट, उत्तराखण्ड के सदरी जैकेट, भागलपुर बिहार के सिल्क, पटियाला के तिल्ला जुती, कन्नौज के धूप बत्ती, राजस्थान (बीकानेर) के पापड़, बड़ी, भुजिया, नमकीन, इटावा के चूर्ण, कानपुर के लेदर, सहारनपुर का फर्नीचर घरेलू वस्तुएं एवं अन्य ग्रामोद्योगी उत्पाद के अतिरिक्त माटीकला के अन्तर्गत उत्पादित वस्तुए व अन्य राज्यों जनपदों से आये हुए उत्पाद रियायती दर पर उपलब्ध है।
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