आज 26 जनवरी 2024 हमारा 75 वां गणतंत्र दिवस है। आज ही को दिन यानी 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ, और आज़ाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ० राजेंद्र प्रसाद ने राष्ट्रीय झंडा फहराए जाने के बाद भारत में राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया।
26 जनवरी 1930 को ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने फिरंगी हुकूमत से पूर्ण स्वराज की घोषणा की थी, इसीलिए गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाते हैं।
भारत के संविधान का मसौदा एक मसौदा समिति ने तैयार किया था , जिसका नेतृत्व डॉ० बी०आर० अंबेडकर ने किया था।
हिंदी व अंग्रेज़ी में हस्त लिखित संविधान की मूल प्रतियां हीलियम गैस से भरे केस में भारतीय संसद के पुस्तकालय में रखी हुई हैं। मूल प्रति में 22 भाग, 395 अनुच्छेद और 8 शेड्यूल हैं। भारतीय संविधान दुनिया में सबसे लंबा लिखित संविधान है।
इस समारोह के बारे में बता दें कि इस दिन प्रधान मंत्री अमर जवान ज्योति (इंडिया गेट) पर पुष्प अर्पित कर के वीर जवानों को श्रद्धांजलि देते हैं, उसी के बाद हिंदुस्तान के राष्ट्रपति ध्वजारोहण करते हैं। इस को बाद जल, थल एवं वायु सेना के जवान जंग में शहीद सैनिकों को 21 तोपों की सलामी देते हैं। फिर राष्ट्र गान होता है।और वीर चक्र, महावीर चक्र, परमवीर चक्र, अशोक चक्र, कीर्ति चक्र एवं अन्य अवार्ड इनके विजेताओं को सौंपा जाता है। राष्ट्रपति को सलामी देते हुए परेड शुरू होती है। और इसमें तोपें, मिसाइलें , हथियार वगैरह दिखाया जाता है। बच्चों का कार्यक्रम भी होता है।
परेड
गणतंत्र दिवस परेड 2024 में झांकी का विषय *भारत -लोकतंत्र की जननी है।*
परेड की कमान जनरल ऑफिसर कमांडिंग संभाल रहे देश के 75वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर शुक्रवार को कर्तव्य पथ पर परेड की शुरूआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सलामी लेने के साथ हुई। परेड की कमान जनरल ऑफिसर कमांडिंग, दिल्ली क्षेत्र, लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार संभाल रहे हैं। इस परेड मेंभारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता, एकता एवं प्रगति;बढ़ती स्वदेशी क्षमताओं के दम पर इसकी सैन्य शक्ति और देश में बढ़ती नारी शक्ति को प्रदर्शित किया जाएगा।
गणतंत्र दिवस समारोह राजधानी नई दिल्ली में, राष्ट्रपति भवन के पास रायसीना हिल से, कर्तव्य पथ के साथ, इंडिया गेट के पीछे और ऐतिहासिक लाल किले तक आयोजित किया जाता है।
हर वर्ष किसी भी देश के राष्ट्रपति या प्रधान मंत्री इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूम में शामिल होते हैं , इस बार फ्रांस के राष्ट्र पति इमैनुएल मैक्रॉन ( Chief Guest Emmanuel Macron) गणतंत्र दिवस की परेड में मुख्य अतिथि बनकर भारत आए।
भारत के पहले गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो थे।
हर साल इस समारोह के अंत में एक ईसाई भजन ‘अबाइड विद मी’ बजाया जाता है।
माना जाता है कि यह महात्मा गांधी के पसंदीदा भजनों में से एक था।
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